वक्त इशारा देता रहा और हम इत्तेफाक़ समझते रहे,बस यूँ ही धोखे ख़ाते गए और इस्तेमाल होते रहा |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वक्त इशारा देता रहा और हम इत्तेफाक़ समझते रहे,बस यूँ ही धोखे ख़ाते गए और इस्तेमाल होते रहा |