शायरी में सिमटते कहाँ हैं दिल के दर्द
दोस्तों,
बहला रहे हैं खुद को, जरा अल्फाज़ो के साथ!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
शायरी में सिमटते कहाँ हैं दिल के दर्द
दोस्तों,
बहला रहे हैं खुद को, जरा अल्फाज़ो के साथ!