अंजाम-ए-मोहब्बत सोच
कर आगाज-ए-मोहब्बत कर न सके..
अब क्यूँ रोते हो उसके लिए, तमाम उम्र जो कभी
हुआ नही..??
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अंजाम-ए-मोहब्बत सोच
कर आगाज-ए-मोहब्बत कर न सके..
अब क्यूँ रोते हो उसके लिए, तमाम उम्र जो कभी
हुआ नही..??