by pyarishayri - प्यार शायरी, लव शायरी, हिंदी शायरी - July 13, 2015 मेरी ही ग़ज़लें गुनगुनाती है वो मेरी ही ग़ज़लें गुनगुनाती है वो, जब बंद हो जाती है उससे ..बोल-चाल मेरी…!!!