तकदीर के लिखे पर कभी शिकवा न कर,
तू अभी इतना समझदार नहीं हुआ है की रब के इरादे समझ सके..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तकदीर के लिखे पर कभी शिकवा न कर,
तू अभी इतना समझदार नहीं हुआ है की रब के इरादे समझ सके..