by pyarishayri - गुस्ताखियां शायरी, प्यार शायरी, शायरी - November 20, 2015 फ़िक्र तो तेरी आज फ़िक्र तो तेरी आज भी करते हैं ,बस जिक्र करने का हक़ नही रहा.