by pyarishayri - गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी - November 27, 2015 वो चूड़ी वाले को अपनी कलाई वो चूड़ी वाले को, अपनी कलाई थमा देती है. . . जिनकी आज तक हम उंगलियाँ न छू सके. .