by pyarishayri - गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी - November 26, 2015 तरस खाओ तो बस इतना बताओ…. तरस खाओ तो बस इतना बताओ…. “हमदम” वफ़ा नहीं आती या तुम से की नहीं जाती……..