by pyarishayri - दर्द शायरी, पारिवारिक शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, हिंदी शायरी - December 31, 2015 घर नहीं मिला दर दर भटक रही थी पर दर नहीं मिला, उस माँ के चार बेटे हैं पर रहने को घर नहीं मिला।