शायरी ख़ुदकशी का धंधा है..,
लाश अपनी है अपना ही कंधा है..
आईना बेचता फिरता है शायर..,उस शहर में जो शहर अंधा है….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
शायरी ख़ुदकशी का धंधा है..,
लाश अपनी है अपना ही कंधा है..
आईना बेचता फिरता है शायर..,उस शहर में जो शहर अंधा है….