by pyarishayri - जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, दोस्ती शायरी, नफ़रत शायरी, बेवफा शायरी, लव शायरी, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - July 9, 2015 रहने दे अंधेरे मे मुझे रहने दे अंधेरे मे मुझे…. गालिब उजाले मे अपनो के असली चेहरे नजर आ जाते हैँ….!