हमें तो कब से पता था के “तू ‘बेवफा है” ऐ बेखबर ”
तुझे चाहा ही इस लिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हमें तो कब से पता था के “तू ‘बेवफा है” ऐ बेखबर ”
तुझे चाहा ही इस लिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये…!!