ऐ बारिश जरा खुलकर बरस,
ये क्या तमाशा है….!!
इतनी रिमझिम तो
मेरी आँखों से रोज होती है…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ऐ बारिश जरा खुलकर बरस,
ये क्या तमाशा है….!!
इतनी रिमझिम तो
मेरी आँखों से रोज होती है…!