मेरी आवारगी में कुछ कसूर तुम्हारा भी है….
ऐ जालिम…
जब तुम्हारी याद
आती है तो घर अच्छा नही लगता…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरी आवारगी में कुछ कसूर तुम्हारा भी है….
ऐ जालिम…
जब तुम्हारी याद
आती है तो घर अच्छा नही लगता…!!