by pyarishayri - औकात शायरी, कविता, कहानी, क्रन्तिकारी शायरी, गज़ल, गरीबी शायरी, गरूर शायरी - November 26, 2015 बुलंदियो को पाने की ख्वाहिश तो बहुत है बुलंदियो को पाने की ख्वाहिश तो बहुत है मगर , दूसरों को रौंदने का हुनर कहां से लाऊं….